Wednesday, July 13, 2011

बदला मत लो बदलकर दिखाओ’

बदला मत लो बदलकर दिखाओ’
जालोर। कर्मो की गति बड़ी गुहय है। कर्मो के आधार पर ही यह संसार चलता है। कर्म से ही मनुष्य महान् बनता है। ये उद््गार प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउण्ट आबू के राजयोगी ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने कहे। वे गुरूवार को जिला कारागृह में कैदियों को संस्कार परिवर्तन और व्यवहार शुद्धि विषय पर संबोधित कर रहे थे। भगवान भाई ने कहा कि मनुष्य के कर्म ही उसे वाल्या जैसे डाकू से वाल्मिकी जैसे रामायण लिखने वाले महान व्यक्ति के समान बनाते हैं। मनुष्य जीवन बड़ा ही अनमोल है। उसे ऐसे ही व्यर्थ कर्म कर व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। वास्तव में मनुष्य की गलतियां ही उसे सही रूप में इंसान बना सकती है। उन्होंने कहा कि यह कारागृह आपके लिए तप स्थली है जिसमें एकांत में बैठकर स्वयं के बारे में टटोलना है, सोचना है कि मैं इस संसार में क्यों आया हूं। मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है। भगवान ने मुझे किस उद्देश्य से भेजा है। मैं यहां आकर क्या कर रहा हूं। वास्तव में मुझे क्या करना चाहिए, ऐसा चिंतन कर अब अपने व्यवहार और संस्कारों में परिवर्तन करना है। बी.के. रंजू बहन ने कहा कि स्वयं का मनोबल मजबूत रखो स्वयं को असहाय, अकेले, थके हुए महसूस नहीं करो।

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