Saturday, July 16, 2011

१९ वीं सदी तर्क की थी, २० वीं सदी प्रगति की रही। अब यह २१वीं सदी तनावपूर्ण रहेगी। ऐसी तनावपूर्ण परिस्थियों में स्वयं को तनाव से मुक्त रखने के लिए सकार

ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवा केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भगवानभाई ने कहा
भास्कर संवाददाता & आलीराजपुर

१९ वीं सदी तर्क की थी, २० वीं सदी प्रगति की रही। अब यह २१वीं सदी तनावपूर्ण रहेगी। ऐसी तनावपूर्ण परिस्थियों में स्वयं को तनाव से मुक्त रखने के लिए सकारात्मक सोच की आवश्यकता है।

यह बात प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि माउंट आबू से आए राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवानभाई ने कही। वे स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवा केंद्र द्वारा सहयोग गार्डन में रखे गए कार्यक्रम में तनाव मुक्ति विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने वर्तमान समय को समस्याओं का युग बताया और स्वयं को तनाव से मुक्त रखने के लिए सकारात्मक सोच रखने की बात कही। श्री भगवान भाई ने कहा विपरीत परिस्थितियों में समस्या में हर बातों में सकारात्मक सोचने की कला को बढ़ाता है। सकारात्मक सोचने वाला मानसिक, शारीरिक रूप से सदा स्वस्थ रह सकता है। नकारात्मक सोच अनेक समस्या और बीमारियों का कारण है। उन्होंने आध्यात्मिक सत्संग को सकारात्मक सोच का केंद्र बताते हुए कहा सत्संग के माध्यम से ही हम सकारात्मक सोच अपना सकते हैं। जीवन की मुश्किलों में यही पुण्य कर्म हमारी मदद करते हैं।१९ वीं सदी त

ब्रह्माकुमारी राजयोग केंद्र की संचालिका बीके माधुरी बहन ने राजयोग का महत्व बताते हुए कहा कि राजयोग द्वारा हम अपनी इंद्रियों पर संयम रख तनाव मुक्त रह सकते हैं। उन्होंनें राजयोग की विधि बताते हुए कहा कि स्वयं को आत्म निश्चय कर चांद, सूर्य, तारागण से पार रहने वाले परम शक्ति परमात्मा को मन बुद्धि से याद करना उनके गुणों का गुणगान करना ही राजयोग है। कार्यक्रम में विशेष राजयोग का अभ्यास व जीवन में आने वाली विभिन्न समस्या पर समाधान हो क्लासेस भी हुई। इस अवसर पर जोबट व खट्टाली आदि के भाई बहन उपस्थित थे।१९ वीं सदी त

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