Saturday, July 16, 2011

ब्रह्मïकुमारी केंद्र में क्रोधमुक्त जीवन पर प्रवचन क्रोध पर नियंत्रण सिखाता है राजयोग भास्कर संवाददाता. खरगोन

ब्रह्मïकुमारी केंद्र में क्रोधमुक्त जीवन पर प्रवचन

क्रोध पर नियंत्रण सिखाता है राजयोग

भास्कर संवाददाता. खरगोन
क्रोध मनुष्य के विवेक को नष्टï करता है। क्षणिक आवेश में मनुष्य न सुधरने वाली भूलें करता है। राजयोग इसी क्रोध पर नियंत्रण की कला सिखाता है। इसके माध्यम से हम आसुरी वृत्तियों को मोड़ कर जीवन में पुण्य संचय कर सकते हैं।

उक्त बातें राजयोग साधक भगवानभाई ने अन्नपूर्णा नगर स्थित ब्रह्मïकुमारी केंद्र पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते कही। क्रोध के प्रभाव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा इससे शरीर की अंत:स्रावी प्रणाली पर बुरा असर पड़ता है। जब मनुष्य दूसरों के अवगुणों का चिंतन, वर्णन करता है तो उसके दिमाग में भी घृणा, द्वेश के बीज बनते हैं। इसी का परिणाम क्रोध है। इससे मन की शांति, एकाग्रता और सहनशीलता जैसे सद्गुण नष्टï हो जाते हैं। उन्होंने बताया सकारात्मक चिंतन और राजयोग के निरंतर अभ्यास से क्रोध पर काबू पाया जा सकता है।

आध्यात्मिक ज्ञान को सकारात्मक विचारों का स्रोत बताते हुए उन्होंने कहा स्वयं को आत्मा समझकर मन और बुद्धि से परमपिता का गुणगान करना ही राजयोग है। यह मानसिक बीमारियों से मुक्ति की संजीवनी है। इस दौरान केंद्र की ब्रह्मïकुमारी किरण ने कहा परमात्मा से मिली शक्तियां और ईश्वरीय ज्ञान ही हमारे सच्चे पथप्रदर्शक हैं। बाद में ब्रह्मïकुमार प्रभाकर ने सभी का आभार जताया।

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