श्रेष्ठ चरित्रवान से बनता है महान राष्ट्र
ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने स्कूली बच्चों से कहा
भास्कर संवाददाता & झाबुआ
कोई भी राष्ट्र धन और शांति के बल से महान नहीं बन सकता। बल्कि श्रेष्ठ चरित्रवान नागरिकों के बल पर महान बनता है। मूल्यों से चरित्र बनता है, मूल्यों का व्यक्तिगत जीवन, समाज और राष्ट्र में बहुत बड़ा महत्व है। मूल्यों का स्त्रोत अध्यात्मिकता है।
यह बात ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने स्थानीय शासकीय उमावि रातीतलाई और न्यू पलाश हाईस्कूल के विद्याथर््िायों को संबोधित करते हुए कही। भगवान भाई ने कहा मूल्य शिक्षा प्रचीनकाल से ही चली आ रही है। मून्य शिक्षा के कारण ही भारत महान था उसकी विश्व में अपनी शान और पहचान थी। उन्होंने कहा कि मानव मन में पैदा होने वाले कल्याणकारी विचार ही मूल्य है। भगवान भाई ने कहा मानव जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर, दुख से सुख की ओर मरण से अमरत्व की ओर ले जाना ही वास्तव में शिक्षा का उद्द
भास्कर संवाददाता & झाबुआ
कोई भी राष्ट्र धन और शांति के बल से महान नहीं बन सकता। बल्कि श्रेष्ठ चरित्रवान नागरिकों के बल पर महान बनता है। मूल्यों से चरित्र बनता है, मूल्यों का व्यक्तिगत जीवन, समाज और राष्ट्र में बहुत बड़ा महत्व है। मूल्यों का स्त्रोत अध्यात्मिकता है।
यह बात ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने स्थानीय शासकीय उमावि रातीतलाई और न्यू पलाश हाईस्कूल के विद्याथर््िायों को संबोधित करते हुए कही। भगवान भाई ने कहा मूल्य शिक्षा प्रचीनकाल से ही चली आ रही है। मून्य शिक्षा के कारण ही भारत महान था उसकी विश्व में अपनी शान और पहचान थी। उन्होंने कहा कि मानव मन में पैदा होने वाले कल्याणकारी विचार ही मूल्य है। भगवान भाई ने कहा मानव जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर, दुख से सुख की ओर मरण से अमरत्व की ओर ले जाना ही वास्तव में शिक्षा का उद्देश्य है। मानव मन के आंतरिक सद्गुणों और शक्तियों को जागृत करने वाली शिक्षा वर्तमान की आवश्यकता है। जीवन को महान बनाने के लिए भौतिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से जीवन परिपूर्ण होना जरूरी है। भगवान भाई ने कहा जीवन एक वृक्ष है इस जीवन
No comments:
Post a Comment