हर क्षण सकारात्मक चिंतन से सींचें
कृषि विभाग में भगवान भाई ने कहा
भास्कर संवाददाता & झाबुआ
सुकून भरे पलों से अंतर्मन को भरपूर करने और स्वयं को सशक्त बनाने के लिए जीवन का हर क्षण सकारात्मक चिंतन से सीचें। हम घर की सफाई तो रोज करते हैं लेकिन मन की सफाई पर ध्यान नहीं देते, जिससे मन में अवांछनीय खरपतवार रूपी विशुद्ध विचार उग आते हैं, इस कारण मनुष्य के जीवन में सुख की जगह दुखों का सृजन होता है
यह बात ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कृषि विभाग में कृषि अधिकारी एवं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कही। वे जीवन जीने की कला विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा रोज अपनी आंतरिक स्थिति को सकारात्मक विचारों से भरपूर करें, जिससे मन और तन का बोझ समाप्त हो जाएगा। मन भारी होने से हम अपने उद्देश्य से भटक जाते हैं। भगवान भाई ने कहा जो आंतरिक रूप से खुश होगा वही बाह्य जगत में भी खुश रह सकता है। जो खुश रहता है उनके साथ विपरीत परिस्थिति भी साथ देगी। उन्होंने कहा शरीर पांच तत्वों से बना हुआ है और इसमें हम चेतन्य शक्ति के रूप में आत्मा विराजमान है। हम आत्मा आपस में भाई-भाई हंै, अविनाशी हैं। इस विस्मृति से जीवन में दु:ख और समस्याएं बढ़ गई। उन्होंने बताया कलियुग में मनुष्य स्वयं की असली पहचान भूल गया है। जिस कारण जीवन में अनेक दुख, तनाव, परेशानियां, विघ्न, समस्या चारों ओर दिखाई देती हैं।
ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवा केंद्र की ज्योति बहन ने कहा मनुष्य भौतिक सुखों की प्राप्ति के पीछे दौड़ रहा है। जिस कारण पारिवारिक स्नेह लुप्त हो चुका है। उन्होंने बताया जीवन को यदि अभिमान, अशांति, अनाचार, दुराचार, पापाचार रूपी राक्षसी प्रवृत्ति से बचाना चाहते हैं तो आध्यात्मिकता ज्ञान का सहारा लेने की आवश्यकता है। सहायक संचालक कृषि जीएस त्रिवेदी ने भगवान भाई का आभार
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