Thursday, March 3, 2011

अपने आपसे प्रेम करें और स्वयं को महत्वपूर्ण समझें। आईने में अपने को
देखकर मुस्कुराएं और खुद को पसंद करें।



* दूसरे से अपेक्षा न करें कि कोई आपके कार्य की तारीफ करे। ज्यादा
अपेक्षाएं रखने से आपको दु:ख के सिवाय कुछ हासिल नहीं होगा।



* खुद को सराहें और अपने कार्य को मन ही मन सराहना सीखें। इससे
आत्मविश्वास बढ़ेगा।



* विनम्र बनें, सदैव सौम्य व शांत हो वार्ता करें। उच्च स्वर या कटु
शब्दों का प्रयोग न करें।



* निजी खुशी जरूरी है, इसलिए जब भी समय मिले दिनभर में एक बार अवश्य वह
कार्य करें जिसे करना आपको सबसे अच्छा लगता हो।



* अपने साथियों व बॉस की कमियां न निकालें, बल्कि अपनी कमियों की तलाश
कर उन्हें दूर करने की कोशिश करें।



* क्रोध को नियंत्रित करना सीखें। जब ज्यादा गुस्सा आए तो तुरंत उस
माहौल से दूर होकर किसी अन्य काम में लग जाएं।



* सकारात्मक सोच के महत्व को समझें। जो कुछ सोचें उसे सकारात्मक रूप में
लें। कोई काम अगर पूरा नहीं होता या बात नहीं बनती तो उदास न हों।
नकारात्मक विचार मन में न लाएं।

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