Monday, March 21, 2011

स्वच्छ और आत्मिक बल वाली आत्मा ही आकर्षणमूर्त है

20-03-11 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 16-07-72 मधुबन
स्वच्छ और आत्मिक बल वाली आत्मा ही आकर्षणमूर्त है
वरदान: सर्व आत्माओं पर स्नेह का राज्य करने वाले विश्व राज्य अधिकारी भव
जो बच्चे वर्तमान समय सर्व आत्माओं के दिल पर स्नेह का राज्य करते हैं वही भविष्य में विश्व के राज्य का अधिकार प्राप्त करते हैं। अभी किसी पर आर्डर नहीं चलाना है। अभी से विश्व महाराजन नहीं बनना है, अभी विश्व सेवाधारी बनना है, स्नेह देना है। देखना है कि अपने भविष्य के खाते में स्नेह कितना जमा किया है। विश्व महाराजन बनने के लिए सिर्फ ज्ञान दाता नहीं बनना है इसके लिए सबको स्नेह अर्थात् सहयोग दो।
स्लोगन: जब थकावट फील हो तो खुशी में डांस करो, इससे मूड चेंज हो जायेगी।

No comments:

Post a Comment