Saturday, March 12, 2011

अब कलियुग अंत एवं सतयुग के आदि के संगम का समय चल रहा है।

अपनी जीवन रूपी नैया को सफलता पूर्वक लक्ष्य तक पंहुचाने के लिए हमें दिव्यगुणों और शक्तियों की आवश्यक्ता है। राजयोग का अभ्यास हमें सर्वशक्ति सम्पन्न बनाता है। आत्म परमात्मानुभूति के इस दौर में बताया कि भारतीय पौराणिक कथाओं में प्रत्येक शक्ति विशेष के लिए शिव शक्तियों का गायन है। इन शक्तियों की धारणाकुछ मूल्यों के आधार पर की जा सकती है।ज्ञान योग के द्वारा हम इन आठ शक्तियों परखना, निर्णय, समेटना, संकीर्णता, सहनशीलता आदि की अनूभूति कर सकते हैं। राजयोग हमारी बुद्धि को स्वच्छ एवमं शक्तिशाली बनाता है। सफलता प्राप्ति के लिए हमें इन शक्तियों को ध्यानपूर्वक एवं उचित स्थान पर प्रयोग करना चाहिए। अब कलियुग अंत एवं सतयुग के आदि के संगम का समय चल रहा है। इस समय हमें अपने पुराने हिसाब-किताब कोसमेटने का पुरुषार्थ करना चाहिए और ईश्वरीय ज्ञान तथा योग के दीप घर-घर जलाकर समाज की सेवा करनी चाहिए।

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