Saturday, March 12, 2011

नफरत से आप नरक के गड्ढे में गिर जाएंगे।

अपने आपको दूसरों से अलग मानना, महसूस करना और स्वयं को दूसरों से श्रेष्ठ सिद्ध करना। इंसान में यह मूल अहंकार होता है कि 'मैं दूसरों से अलग हूं, मैं अपने आपको दूसरों से अलग मानता हूं, अलग मानकर मैं नफरत लाऊं।' तब उसे यही कहा जाता है कि 'अपने आपको अलग मान ही रहे हैं तो कम से कम दूसरों के प्रति अपने मन में नफरत तो न जगाएं, नफरत से आप नरक के गड्ढे में गिर जाएंगे। अपने आपको यदि आप श्रेष्ठ मान ही रहे हैं तो कम से कम दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश तो न करें, जिससे आप ईर्ष्या व क्रोध की ज्वाला में तो न जलें। अपने प्रति आदर रखने से संभावना है तो आप इस अहंकार से बाहर आ जाएंगे।'आप अपने प्रति आदर तभी दे पाएंगे, जब आप यह जान जाएंगे कि 'मैं कौन हूं? मुझे अपने आपको जानना चाहिए तभी मैं खुश रह पाऊंगा, वरना मेरा विकास कैसे होगा?' हमें स्वयं के प्रति आदर है तो हम चाहेंगे कि हम जल्द से जल्द सत्य जानें। अपने प्रति आदर होना बहुत मुख्य है। शुरुआत वहीं से होगी। स्वयं को आदर देने वाला इंसान गलतियों से बचने का रास्ता ढूंढ़ना चाहेगा। वह कभी नहीं चाहेगा कि उसकी आजादी छिन जाए।

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