१. हम आत्मायें, अथारिटी बाप के साथ सम्मुख हैं, माना अव्यक्त स्थिति में स्थित हैं |
२. हम आत्मायें, अलोकिक अविनाशी अथारिटी वाले फ़रिश्ते हैं |
३. हम आत्मायें, निश्चय बुद्धि निर्भय और नशेवाले विजयी फ़रिश्ते हैं |
४. हम आत्मायें, बोल , चलन और चेहेरे अलोकिक अविनाशी अथारिटी वाले फ़रिश्ते हैं |
५. मैं आत्मा निराकार ज्योति बिन्दू हूँ …….ज्ञान गुण और धारणा में सिन्धू समान हूँ ….
६. हम आत्मायें, बाप समान इच्छा मात्रम अविद्या वाले मस्त फकीर हैं |
७. हम आत्मायें, अखण्ड महादानी , परोपकारी विषव कल्याणकारी फ़रिश्ते हैं |
८. हम आत्मायें, नाम मान शान में परोपकारी फ़रिश्ते हैं |
९. हम आत्मायें, बाप समान सदा के सेवाधारी फ़रिश्ते हैं |
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