Monday, December 6, 2010

संतोष जीवन का सर्वोत्तम धन है।

बहादुरगढ़, जागरण संवाद केंद्र :

शहर के नाहरा-नाहरी रोड स्थित ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें ब्रह्मकुमार भगवान भाई मुख्य रूप से मौजूद रहे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संतोष जीवन का सर्वोत्तम धन है। संतोष को अपनाकर ही हम जीवन में सच्ची शांति की अनुभूति कर सकते है।

उन्होंने कहा कि बीती बातों को याद कर हम अपनी ऊर्जा व्यर्थ गंवाते है। इससे उनकी सेहत पर भी कुप्रभाव पड़ता है। इसलिए हमें बीती बातों पर विराम लगाना सीखना चाहिए। संकल्प एक निधि है। इसे हर पल बचाना है। कारणों का निवारण ढूंढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या-क्यूं करके हम समस्या में ही उलझे रहते है। संकल्पों को बचाकर ही हम मनोबल बढ़ा सकते है। हर परिस्थिति का समाधान है ग्रह गति का ज्ञान। उन्होंने कहा कि गीता ज्ञान अनुसार हमें याद रखना चाहिए कि जो हुआ अच्छा हुआ, जो होगा वह भी अच्छा ही होगा। बीती घटनाओं से सबक सीखकर हमें आगे बढ़ना चाहिए और क्रोध रूपी अक का फूल शिव पिता पर स्वाहा कर देना चाहिए।

पावन धाम की संचालिका ब्रह्मकुमारी अंजलि ने कहा कि इस दिव्य सत्संग का लाभ लेने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने बताया कि भगवान भाई पिछले तीस वर्षो से राजयोगी जीवन व्यतीत कर रहे है। अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से आए भगवान भाई ने पीडीएम कालेज में ईश्वरीय सेवाएं प्रदान कीं।

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