Monday, January 3, 2011

"जीओ और जीने दो..."

डूंगरपुर । मानवाधिकार दिवस मनाने के पीछे प्रमुख ध्येय यह है कि हमें किस तरह से जीवन यापन करना चाहिए और कैसा हमारा व्यवहार होना चाहिए। मनुष्य को जीओ और जीने दो की तर्ज पर जीवन व्यतीत करना ही मानवाधिकार दिवस सीखाता है।
ये प्रवचन जिला कारागृह में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से आए ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने मानव अधिकार दिवस निमित्त आयोजित कार्यक्रम में दिए। उन्होंने कहा कि हमारे लिए स्थूल और सूक्ष्म दो प्रकार के नियम है। जब उनका उल्लंघन करते हैं, तब व्यवस्थाओं में गड़बड़ी हो जाती है। परमात्मा ने सबके लिए कानून एवं नियम बनाए हैं। कुछ वर्षो पूर्व तक मनुष्य अपने अधिकारों और मर्यादाओं को भली-भांति जान उनका पालन करता था।

कलियुग के प्रभाव के चलते वह सब कुछ भूलता जा रहा है। मनुष्य को अपने अधिकार और मर्यादाओं का ज्ञान सत्संग से ही आ सकता है। उन्होंने जीवन में संयम को अपनाने की प्रतिज्ञा भी दिलवाई। इस दौरान अधीक्षक घीसाराम चौधरी, रूपलाल भाई, राजयोग केन्द्र की बी.के. विजय बहन शामिल हुए।

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