मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुमने आधाकल्प जिसकी भक्ति की है, वही बाप खुद
तुम्हें पढ़ा रहे हैं, इस पढ़ाई से ही तुम देवी देवता बनते हो''
प्रश्न: योगबल के लिफ्ट की कमाल क्या है?
उत्तर: तुम बच्चे योगबल की लिफ्ट से सेकेण्ड में ऊपर चढ़ जाते हो अर्थात्
सेकेण्ड में जीवनमुक्ति का वर्सा तुम्हें मिल जाता है। तुम जानते हो सीढ़ी
उतरने में 5 हज़ार वर्ष लगे और चढ़ते हैं एक सेकेण्ड में, यही है योगबल की
कमाल। बाप की याद से सब पाप कट जाते हैं। आत्मा सतोप्रधान बन जाती है।
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) जगत का मालिक बनने वा विश्व की बादशाही लेने के लिए मुख्य काम विकार पर जीत
पानी है। सम्पूर्ण निर्विकारी जरूर बनना है।
2) जैसे हमें बाप मिला है ऐसे सबको बाप से मिलाने की कोशिश करनी है। बाप की
सही पहचान देनी है। सच्ची-सच्ची यात्रा सिखलानी है।
वरदान:- भोलेपन के साथ ऑलमाइटी अथॉरिटी बन माया का सामना करने वाले शक्ति
स्वरूप भव
कभी-कभी भोलापन बहुत भारी नुकसान कर देता है। सरलता, भोला रूप धारण कर लेती
है। लेकिन ऐसा भोला नहीं बनो जो सामना नहीं कर सको। सरलता के साथ समाने और सहन
करने की शक्ति चाहिए। जैसे बाप भोलानाथ के साथ आलमाइटी अथॉरिटी है, ऐसे आप भी
भोलेपन के साथ-साथ शक्ति स्वरूप भी बनो तो माया का गोला नहीं लगेगा, माया सामना
करने के बजाए नमस्कार कर लेगी।
स्लोगन: अपने दिल में याद का झण्डा लहराओ तो प्रत्यक्षता का झण्डा लहरा
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