5000 स्कूलों कॉलेजों में और 800 जेलों कारगृहो में नैतिक मूल्यों का पाठ पढाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज है
Thursday, January 20, 2011
परमात्मा एक लाईट है, एक ज्योति अथवा एक नूर है
सभी लोग कहते हैं कि परमात्मा एक लाईट है, एक ज्योति अथवा एक नूर है परन्तु वे यह नहीं जानते कि उस लाइट का रूप क्या है? तो आज हम अपने अनुभव के आधार पर आप को यह बताना चाहते हैं जैसे आत्मा एक ज्योतिर्विन्दु है, वैसे ही आत्माओं का पिता अर्थात् परम-आत्मा भी ज्योति विन्दु ही है। हाँ ! आत्मा और परमात्मा के गुणों में अन्तर है । परमात्मा सदा एकरस, शान्ति का सागर, आनन्द का सागर और प्रेम का सागर है और जन्म-मरण तथा दु:ख-सुख से न्यारा है। परन्तु आत्मा जन्म-मरण से न्यारा तथा दु:ख-सुख के चक्कर में आती है । आप देखेंगे कि सभी धर्म वालों के यहाँ परमात्मा के इस ज्योतिर्मय रूप की यादगार किसी न किसी नाम से मौजूद है ।
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