Wednesday, May 19, 2010

पार्क- दर्शकों के लिए मरुद्यान - brahmakumari

पीस पार्क स्वप्निल संसार का साकार उपवन है, जहाँ प्राकृतिक वातावरण और मनोरंजन का अदभुत समन्वय है. यह अरावली पर्वत मालाओं की दो चोटियों - सुप्रसिध्द तीर्थस्थल गुरुशिखर और अचलगढ़ के मध्य में बसा हैं. यह उद्यान, प्राकृतिक, वातावरण और मनोरंजन का अदभूत समन्वय है. यह अरवली पर्वत मालाओं की दो चोटियों - सुप्रसिध्द तीर्थस्थल गुरुशिखर और अचलगढ़ के मध्य में बसा है. यह उद्यान प्राकृतिक सौन्दर्य का एक अनूठा नमूना है जो कि आबू पर्वत स्थित ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मुख्यालय से 8 किमी की दूरी पर स्थित हेै. यहाँ प्रतिदिन आने वाले हजारों दर्शकों का स्वागत खुले दिल से किया जाता है.

पीस पार्क में दर्शकों को प्राकृतिक वातावरण में परिभ्रमण कराने के साथ-साथ आत्मा के आन्तरिक सौन्दर्य से भी परिचित कराया जाता है. यहाँ राजयोग की शिक्षाओं के रुचिकर पहलुओं पर ध्यान आकर्षित कराया जाता है. यहाँ राजयोग की शिक्षाओं के रुचिकर पहलुओं पर ध्यान आकर्षीत किया जाता है. वीडिओ देखने के बाद दर्शक राजयोग के व्यवहारिक प्रभावों का अनुभव अपने मनपसन्द स्थान पर कर सकते हैं जौसे, घास से बनी झोपड़ी में, पतथर की गुफा में बांसो से निर्मित कुटी में और यदि वे चाहंे तो उद्यान के बगीचों के प्राकृतिक शान्तिमय वातावरण में किसी भी एकान्त स्थल पर इसका अभ्यास कर सकते हैं.

इस पार्क से बांस की बनी बाबा की कुटिया बहुत ही मनमोहक है जहाँ बौठकर जिज्ञासू निरंतर योग का गहन अनुभव कर सकते है, यहॉ फायबर के बने कक्ष से लेज़र किरणों द्वारा परमात्म-अनुभूति कराई जाती है. खेलने के मौदान, पिकनिक स्थल, विभीन्न प्रकार के झूलों और प्रकृति-भ्रमण के साथ यह उद्यान हमारा सम्पूर्ण मनोरंजन करता है. जौसे ही आप उद्यान में प्रवेश करेंगे वहाँ आपका एक अनोखा `रॉक गार्डन` मिलेगा जो सरस नयनाभिराम परिधान धारण कर आपके स्वागत के लिए सदैव तौयार रहता है, इस उद्यान के एक भाग में फलों का एक बगीचा है तथा यहाँ नींबू के भी कई वृक्ष हैं. इसके अतिरिक्त चारों तरफ भिन्न-भिन्न प्रकार के फूलों के पौधे और लताएँ आदि है जो इस उद्यान के सौन्दर्य में चार चाँद लगा देते है. रंग बिरंगे गुलाबों का बगीचा यहाँ का विशेष आकर्षण है.

लगभग 12 एकड़ क्षेत्र को घेरती हूई इसकी चारदीवारी कलात्मक ढ़ंग से बनी है. गुलाब, कनेर और रात रानी की मधुर सुगन्धों से सुवासित वायु, बोगनबेलिया की मनोहारी लताये तथा बलूत के छायादार वृक्ष प्राकृतिक सौन्दर्य के सुधि पर्यटकों को तपती दोपहरी से राहत प्रदान कर इस पृथ्वी पर स्वर्गिक वातावरण की अनुभूति कराते है

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